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Finance commission ( वित्त आयोग )

Finance Commission (वित्त आयोग): 

आपने कभी सोचा है कि केंद्र सरकार राज्यों को आर्थिक मदद कैसे करती है? ये मदद कहां से आती है और किस आधार पर दी जाती है? इसका जवाब है, वित्त आयोग (Finance Commission)! जी हां, वित्त आयोग देश के आर्थिक विकास में एक अहम भूमिका निभाता है.

वित्त आयोग क्या है? (What is Finance Commission?)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित वित्त आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आर्थिक संसाधनों के वितरण का निर्धारण करता है. आसान शब्दों में कहें तो, ये केंद्र सरकार के पास जमा करों का राज्यों में बंटवारा कैसे होगा, ये तय करता है. साथ ही, ये राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों की मात्रा और सिद्धांतों को भी निर्धारित करता है.

वित्त आयोग कैसे काम करता है? (How Does Finance Commission Work?)
वित्त आयोग हर पाँच साल में गठित किया जाता है. इसमें एक अध्यक्ष और कुछ सदस्य होते हैं. ये आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करता है. आयोग विभिन्न आर्थिक पहलुओं, जैसे जनसंख्या, पिछड़ापन, बुनियादी ढांचा आदि का अध्ययन करता है और उसके आधार पर सिफारिशें देता है.

वित्त आयोग देश के विकास में कैसे मदद करता है? (How Does Finance Commission Help in Development?)
वित्त आयोग द्वारा दिया गया संसाधनों का वितरण राज्यों को विकास कार्यों को पूरा करने में मदद करता है. इससे गरीबी कम होती है, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार होता है और आर्थिक असमानता कम होती है.

वित्त आयोग की भूमिका (Role of Finance Commission)
* केंद्र और राज्य सरकारों के बीच करों के शुद्ध आय का वितरण निर्धारित करना.
* राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों के सिद्धांतों की सिफारिश करना.
* राज्य वित्त आयोगों की सिफारिशों के आधार पर पंचायतों और नगरपालिकाओं को आर्थिक मदद मुहैया कराने के लिए राज्यों के संसाधनों में वृद्धि के उपाय सुझाना.
* आपदा प्रबंधन से जुड़े वित्तीय पहलुओं की समीक्षा कर उस पर सिफारिशें देना.

वित्त आयोग के कार्य (Functions of Finance Commission)
* केंद्र और राज्यों के बीच करों के विभाजन का निर्धारण.
राज्यों को दिए जाने वाले अनुदानों की राशि का निर्धारण करना.
* आर्थिक रूप से पिछड़े राज्यों को विशेष सहायता प्रदान करने की सिफारिश करना.
* राज्य सरकारों के खर्चों में कमी लाने और राजस्व बढ़ाने के उपाय सुझाना.
* सार्वजनिक वित्त प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव देना.

वित्त आयोग में पांच सदस्य होते हैं:

अध्यक्ष: अध्यक्ष वित्त आयोग का मुखिया होता है और उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
चार सदस्य: चार सदस्यों की भी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

सदस्यों की योग्यता:

* अध्यक्ष और सदस्य अर्थशास्त्र, वित्त, लोक प्रशासन या कानून के विशेषज्ञ होने चाहिए।
* वे किसी भी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं होने चाहिए।
* वे किसी भी सरकारी पद पर नहीं होने चाहिए।

भारत में अब तक गठित वित्त आयोग (Finance Commissions in India)
अब तक भारत में 16 वित्त आयोग गठित किए जा चुके हैं। इनके द्वारा दिए गए सुझाओं को लागू करने का कार्यकाल 2026(1 अप्रैल) से 2031( 31 मार्च  ) की अध्यक्षता अरविंद पनगढ़िया कर रहे हैं। 15वें वित्त आयोग, जिसके अध्यक्ष एन के सिंह थे द्वारा लागू सुझाओं का कार्यकाल 2020-25 तक है।

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