Q_. तक्षशिला के प्रसिद्ध स्थल होने का कारण था?
[A] प्राचीन वैदिक कला
[B] मौर्यकालीन कला
[C] गांधार कला✓
[D] गुप्त कला
तक्षशिला के प्रसिद्ध स्थल होने का कारण था: (C) गांधार कला
व्याख्या: तक्षशिला प्राचीन भारत में गान्धार देश की राजधानी और शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
* यहाँ का विश्वविद्यालय विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में शामिल है।
* यह हिन्दू एवं बौद्ध दोनों के लिये महत्व का केंद्र था। चाणक्य यहाँ पर आचार्य थे।
* तक्षशिला गांधार कला का केंद्र था।
* गांधार कला, जो भारतीय और यूनानी कला का मिश्रण है, तक्षशिला में विकसित हुई थी।
* यह कला अपनी सुंदरता और जटिलता के लिए प्रसिद्ध थी। तक्षशिला में कई बौद्ध स्तूप और मठ हैं जो गांधार कला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
गांधार कला के प्रसिद्ध स्थल:
1. जुनैर स्तूप: यह स्तूप महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 1,300 किलोमीटर दूर है।
2. धर्मराजिका स्तूप: यह स्तूप भी महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह जुनैर स्तूप से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
3. तख्त-ए-बाही: यह बौद्ध मठ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।
4. सिर-कप: यह बौद्ध स्तूप पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
[A] प्राचीन वैदिक कला
[B] मौर्यकालीन कला
[C] गांधार कला✓
[D] गुप्त कला
तक्षशिला के प्रसिद्ध स्थल होने का कारण था: (C) गांधार कला
व्याख्या: तक्षशिला प्राचीन भारत में गान्धार देश की राजधानी और शिक्षा का प्रमुख केंद्र था।
* यहाँ का विश्वविद्यालय विश्व के प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में शामिल है।
* यह हिन्दू एवं बौद्ध दोनों के लिये महत्व का केंद्र था। चाणक्य यहाँ पर आचार्य थे।
* तक्षशिला गांधार कला का केंद्र था।
* गांधार कला, जो भारतीय और यूनानी कला का मिश्रण है, तक्षशिला में विकसित हुई थी।
* यह कला अपनी सुंदरता और जटिलता के लिए प्रसिद्ध थी। तक्षशिला में कई बौद्ध स्तूप और मठ हैं जो गांधार कला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
गांधार कला के प्रसिद्ध स्थल:
1. जुनैर स्तूप: यह स्तूप महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 1,300 किलोमीटर दूर है।
2. धर्मराजिका स्तूप: यह स्तूप भी महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। यह जुनैर स्तूप से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
3. तख्त-ए-बाही: यह बौद्ध मठ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 70 किलोमीटर दूर है।
4. सिर-कप: यह बौद्ध स्तूप पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। यह तक्षशिला से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
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